हमारे बारे में
परिचय एवं स्थापना
उत्तराखण्ड भाषा संस्थान - भाषा अनुभाग,उत्तराखण्ड शासन की अधिसूचना सं0:33/xxxix-.2010-भा0अनु0-20(सा)/2009 दिनांक: 10 फरवरी, 2010, द्वारा ‘‘भारत का संविधान’’ के अनुच्छेद-345 और 351 तथा आठवीं अनूसूची में उल्लिखित भाषाओं के साथ-साथ अन्तर्राष्ट्रीय/राष्ट्रीय/क्षेत्रीय भाषा एवं बोलियों के विकास एवं संवर्द्धन हेतु उत्तराखण्ड भाषा संस्थान नियमावली, 2009 के अन्तर्गत ‘‘उत्तराखण्ड भाषा संस्थान‘‘ की स्थापना की गई।
उत्तराखण्ड हिन्दी अकादमी - भाषा अनुभाग, उत्तराखण्ड शासन की अधिसूचना सं0-35/xxxix-2010-भा0अनु0-21(सा)/2009-टी.सी. दिनांक:11 फरवरी, 2010 द्वारा भारत की राष्ट्रभाषा तथा राजभाषा हिन्दी है। उत्तराखण्ड राज्य ने भी हिन्दी को शासकीय प्रयोजनों के लिए राजभाषा के रूप में अंगीकार किया है। हिन्दी भाषा के विकास एवं संवर्द्धन हेतु उत्तराखण्ड हिन्दी अकादमी की नियमावली, 2009 के अन्तर्गत ‘‘उत्तराखण्ड हिन्दी अकादमी‘‘ की स्थापना की गई।
उत्तराखण्ड उर्दू अकादमी - भाषा अनुभाग, उत्तराखण्ड शासन की अधिसूचना सं0-616/xxxix/09(सा)/2013 दिनांक: 22 जुलाई, 2013, के द्वारा भारत का संविधान के अनुच्छेद 345 और 351 तथा आठवीं अनुसूची में उल्लिखित भाषाओं के साथ-साथ भारतीय भाषाओं के विकास और संवर्द्धन हेतु भाषा विभाग, उत्तराखण्ड शासन के अधीन उर्दू अकादमी की स्थापना के उद्देश्य एवं संचालन हेतु उत्तराखण्ड उर्दू अकादमी नियमावली, 2013 के अन्तर्गत ‘‘उत्तराखण्ड उर्दू अकादमी‘‘ की स्थापना की गई ।
उत्तराखण्ड पंजाबी अकादमी - भाषा विभाग, उत्तराखण्ड शासन की अधिसूचना सं0-618/xxxix/08(सा0)/2013 दिनांक: 22 जुलाई, 2013 के द्वारा भारत का संविधान के अनुच्छेद 345 और 351 तथा आठवीं अनुसूची में उल्लिखित भाषाओं के साथ-साथ भारतीय भाषाओं के विकास और संवर्द्धन हेतु भाषा विभाग, उत्तराखण्ड शासन के अधीन पंजाबी अकादमी की स्थापना के उद्देश्य एवं संचालन हेतु उत्तराखण्ड पंजाबी अकादमी नियमावली, 2013 के अन्तर्गत ‘‘उत्तराखण्ड पंजाबी अकादमी‘‘ की स्थापना की गई ।
उत्तराखण्ड लोक भाषा व बोली अकादमी - भाषा अनुभाग, उत्तराखण्ड शासन की अधिसूचना संख्या-407/xxxix/2016-01(सा0)/2016 दिनांक: 10 अगस्त, 2016 के द्वारा भारत का संविधान के अनुच्छेद 345 और 351 तथा आठवीं अनुसूची में उल्लिखित भाषाओं के साथ-साथ उत्तराखण्ड की क्षेत्रीय लोक भाषाओं एवं बोलियों के विकास विकास और उसके संवर्द्धन हेतु भाषा विभाग, उत्तराखण्ड शासन के अधीन ‘उत्तराखण्ड लोक भाषा भाषा व बोली अकादमी‘‘ की स्थापना की गई।
उत्तराखण्ड भाषा संसथान अधिनियम, 2018 - विधायी एवं संसदीय कार्य विभाग, उत्तराखण्ड शाासन की अधिसूचना संख्या- 182/XXXVI(30)/2018/21(1)/2018 दिनांक 12 अप्रैल, 2018 द्वारा उत्तराखण्ड भाषा संस्थान अधिनियम, 2018’ पारित किया गया । जिसके द्वारा राज्य में बोली जाने वाली विभिन्न समुदाय की भाषा एवं बोलियों के विकास एवं संवर्द्धन हेतु उत्तराखण्ड भाषा संस्थान के अन्तर्गत निम्नलिखित अकादमियों का एकीकरण किया गया है:-
1. उत्तराखण्ड हिन्दी अकादमी
2. उत्तराखण्ड उर्दू अकादमी,
3. उत्तराखण्ड पंजाबी अकादमी
4. उत्तराखण्ड लोकभाषा व बोली अकादमी
वर्तमान में उत्तराखण्ड भाषा संस्थान अधिनियम, 2018 लागू है, उक्त अधिनियम के अध्याय-2 प्रस्तर-4 में उल्लिखित संस्थान की साधारण सभा एवं प्रस्तर-5 में उल्लिखित संस्थान की प्रबंध कार्यकारिणी समिति का गठन किया गया है।
उत्तराखण्ड भाषा संस्थान द्वारा उत्तराखण्ड राज्य में बोली जाने वाली विभिन्न भाषाओं के संवर्द्धन, विकास एवं प्रचार-प्रसार करने के उद्देश्य से विभिन्न योजनाओं - उत्तराखण्ड साहित्य गौरव सम्मान, विभिन्न भाषाओं में ग्रंथ प्रकाशन के लिए विभागीय सहायता योजना, संस्थान की शोध पत्रिका का प्रकाशन, कार्यशाला/प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन, भाषायी प्रतियोगिताओं का आयोजन, शोध परियोजनाओं को अनुदान, राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय भाषा सम्मलेन, पुस्तकालय स्थापना एवं पुस्तकों का क्रय, पुस्तक मेलों का आयोजन, प्रतिभावान छात्रों को पुरस्कृत करना इत्यादि योजनाओं के माध्यम से किया जाता है।